*न्यायालय में शर्ता के साथ होगा काम-काज*
सीतापुर दिनांक-26 मई 2020 सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुनील कुमार त्रिपाठी ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा पारित दिशा-निर्देश दिनांकित 20.05.2020 के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश सीतापुर श्री कुलदीप कुमार-II के आदेश दिनांक-22.05.2020 द्वारा जनपद के विभिन्न न्यायालयों ने कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है। श्री सुनील कुमार त्रिपाठी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीतापुर ने बताया कि न्यायालय परिसर एवं कोर्ट रूम प्रशासन के सहयोग से प्रतिदिन सेनेटाइज किये जायेगें तथा न्यायालय में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी। जनपद सीतापुर ऑरेन्ज जोन के अन्तर्गत आता है। नये आदेश के तहत संचालित कोर्ट जिला एवं सत्र न्यायालय सीतापुर, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सीतापुर, समस्त विशेषाधिकारी प्राप्त न्यायालय ¼MP/MLA, SC/ST Act, E.C. Act, Gangster Act. NDPS Act, POCSO Act, Rape cases, Offence Against Women½ मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सीतापुर, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी कोर्ट संख्या-01,(आर्थिक अपराध, किशोर न्याय बोर्ड), सिविल जज (सी.डि.) सीतापुर, सिविल जज (जू.डि.) सीतापुर, सिविल जज (जू.डि.) बिसवां, सीतापुर, सिविल जज (जू.डि.) महमूदाबाद, सीतापुर, ग्राम न्यायालय सिधौली सीतापुर। इसके अलावा कार्य अधिवक्ता के कारण कार्यरत अतिरिक्त न्यायालय अपर सिविल जज (सी.डि. कोर्ट संख्यारू-01)/ए.सी.जे.एम. सीतापुर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम सीतापुर। उपरोक्त संचालित न्यायालयों द्वारा निर्धारित अवधि के दौरान केवल निम्न वादों/प्रार्थना पत्रों पर ही विचार होगा, जिसमें नवीन/लम्बित मामलों व एडमीशन कार्य, लम्बित/नवीन जमानत प्रार्थना पत्र, अग्रिम जमानत, वाहन अवमुक्ति व पिटी अफेन्सेज, लंबित/नवीन अर्जेन्ट स्टे, पुलिस रिपोर्ट धारा-173 के निस्तारण, विवेचना अधिकारी के गैर जमानती अधिपत्र, धारा 82/83 की कार्यवाही, बयान अन्तर्गत धारा-164 का निस्तारण विचाराधीन बन्दियों से सम्बन्धित न्यायिक कार्य/रिमाण्ड वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा होगा। जिसके लिए न्यायिक अधिकारीगणों को नामित किया गया है। न्यायिक अधिकारीगण लम्बित आदेश/निर्णय, जिनमें बहस पूर्ण हो चुकी हो, पारित कर सकेगें। पीठासीन अधिकारी किसी पक्षकार को वाद में उपस्थित होने से मना नही करेगें, जब तक कि वह बीमारी से ग्रसित न हो, किन्तु उन्हे यह अधिकार को होगा कि वह न्यायालय कक्ष अथवा वह स्थान जहाँ से अधिवक्तागण द्वारा तर्क/बहस प्रस्तुत किया जाता है, में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश करने से वर्जित कर सकते है। सचिव द्वारा बताया गया कि 31 मई 2020 तक नियत वादों में सामान्य तिथियां लगाई गयी है। न्यायिक अधिकारीगण व अधिवक्तागण की मॉग पर उपरोक्त सुविधा वर्चुवल कोर्ट के माध्यम से भी ली जा सकती है। न्यायालय कक्ष में बिना मास्क के प्रवेश नही किया जायेगा। सभी सोशल डिस्टेन्सिग का पालन करेगें। सम्मानित अधिवक्ताओं एवं वादकारियों से अपील की जाती है कि वही व्यक्ति न्यायालय आये जिनका कार्य लगा हो तथा कार्य समाप्त होने के उपरान्त न्यायालय परिसर छोड़ दें जिससे न्यायालय परिसर में अनावश्यक भीड़ जमा न हो सके।
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