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सीतापुर ,लखीमपुर बॉर्डर विवाद कभी भी हो सकती है शांति भंग

सीतापुर। बॉर्डर चाहे देशों का हो प्रदेशों का हो अथवा जिलों का उनके निर्धारण में अक्सर दिक्कतें आती है और यदि जिम्मेदार इन पर ध्यान नहीं देते हैं तो कभी-कभी बड़ी घटनाएं हो जाती है ऐसा ही एक मामला सीतापुर के गांजरी इलाके मल्लापुर से जुड़ा हुआ है जो कि सीतापुर का बॉर्डर है और दूसरी ओर गांव गौडी जो कि लखीमपुर के का बॉर्डर है इन दोनों इलाकों में अक्सर बंटवारे को लेकर माहौल गर्म रहता है वर्तमान में मल्लापुर के प्रधान और ग्रामीणों का कहना है कि लखीमपुर इलाके से गौडी की तरफ से  वहां के प्रधान सड़क पटाई करा रहे हैं जो कि पूर्ण रूप से अवैध है प्रधान ने बताया कि कुछ माह पूर्व बिसवां व धौहरारा तहसील के तहसीलदारों ने यह फैसला कराया था कि दोनों अपने अपने क्षेत्र के अंदर रहे जब तक ऊपर से कोई निर्देश नहीं आता बावजूद इसके गौडी की तरफ से प्रधान प्रतिनिधि पाटेश्वरी द्वारा सड़क पटाई कराई जा रही है जिससे सीतापुर मल्लापुर की हजारों बीघा जमीन व्यर्थ ही चली जाएगी और किसान भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे प्रधान प्रतिनिधि मल्लापुर ने यह भी बताया कि उसने थाने से लेकर तहसील तक कई चक्कर लगाए लेकिन उसकी बात सुनने को कोई तैयार नहीं अब बड़ी बात यह है क्या प्रशासन के ध्यान ना देने से कोई बड़ी घटना घट सकती है और यदि घट जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा एक तरफ देश प्रदेश कोरोनावायरस से लड़ रहा है यदि ऐसे में सीमा विवाद को लेकर कोई अप्रिय घटना होती है तो निश्चित तौर से उत्तर प्रदेश शासन की मेहनत पर भी पानी फिर जाएगा हालाकी इस संबंध में जब हमारी टीम ने बिसवा एसडीएम से बात की तो उन्होंने कहा मामले को दिखाकर उचित कार्यवाही की जाएगी वही हमारी टीम द्वारा थाना तंबौर के थाना अध्यक्ष से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला राजस्व से जुड़ा हुआ है इसलिए इस पर  तहसीलदार व लेखपाल को देखना चाहिए अब देखना यह है की ग्रामीणों की आस पर प्रशासन कितना खरा उतरता है

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